किसानों ने राहत की सांस ली है क्योंकि अंचल में किसान कई दिनों से आसमान की तरफ देखकर बारिश का इंतजार कर रहे थे
कुचामन सिटी :- शहर सहित ग्रामीण अंचल में शनिवार को लंबे इंतजार के बाद सुबह से ही वर्षा होने से जहां लोगों को गर्मी से निजात मिली तो वहीं फसलों के लिए अमृत का काम किया है इससे किसानों ने भी राहत की सांस ली है क्षेत्र में पिछले तीन सप्ताह से वर्षा नहीं होने के कारण ज्वार, बाजरा,मूंग मोठ, गवार, तिल और मूंगफली सहित चौमासा की सभी फसले किसानों को खराब होने का डर सता रहा था लेकिन बारिश होने के बाद मुरझााई फसल में जान आ गई मालूम हो कि पिछले एक-दो दिन से ही आसमान पर काले बादल छाए हुए थे लेकिन लोगों को लग रहा था कि हर दिन की तरह आज भी बादल बिना बरसे ही चले जाएंगे लेकिन शनिवार को सुबह 5 बजे के करीब बारिश का सिलसिला रिमझिम फुहारों के साथ शुरू हुआ जो धीरे-धीरे कुछ तेज होता चला गया और लगातार पूरे दिन रिमझिम फुहारे गिरती रही बारिश से किसानों ने राहत की सांस ली है क्योंकि अंचल में किसान कई दिनों से आसमान की तरफ देखकर बारिश का इंतजार कर रहे थे इसकी कमी के चलते बाजरा सहित चौमासा के सीजन की अन्य फसलें मुरझा रही थीं फसलों में पिलापन दिखने लगा था धूप होने से फसलें मुरझाने लगी थीं मालूम हो की कई खेतों में तो फैसले सूखकर नष्ट भी हो गई थी किसानों ने जून के महीने में खरीफ फसलों की बुवाई शुरू की थी इसके बाद से उचित समय अंतराल में बारिश हो रही थी फसले करीब 50 से 60 दिनों की होने बाद इसे पानी की जरूरत तेज हो गई थी अंचल में मूंग मोठ गवार तिल फसलों में फूल आना शुरू हो गए थे और बाजरा के सीटे आने शुरू हो गए थे लेकिन बारिश नहीं होने से फसलों में पीलापन दिखाई देने लगा था किसानों ने बताया कि अगर 4 दिन और बारिश नहीं होती तो जो बची हुई फासले थी वह भी सूख कर नष्ट हो जाती किसान परसाराम बुगालिया का कहना है की क्षेत्र में करीब तीन सप्ताह बाद शनिवार से बारिश ने आमद दर्ज कराई है इस दौरान करीब एक घंटे तेज तो कभी रिमझिम जो फसलों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है फसलों को जीवनदान मिला है क्योंकि क्षेत्र में आधा सावन के बाद तीन सप्ताह से बारिश नहीं हुई थी बारिश से किसानों को राहत मिली है जबकि बारिश की खेंच व रोजाना तापमान में वृद्धि के चलते जमीन में नमी की मात्रा कम हो गई थी ऐसे में कई स्थानों पर तो फसलो को खासा नुकस पहुंचा है इससे अन्नाादाताओं के चेहरे पर चिंताओं की लकीरें साफ तौर देखी जा रही थी इस बार किसानों ने लगभग 70 हजार रुपये प्रति क्विंटल के भाव में बाजरा के बीज खरीदकर बोवनी की थी बोवनी के बाद शुरू में अच्छी बारिश हुई थी और खेतो मे फसलो का अच्छा जमाव था क्षेत्र में करीब 20 से 25 दिनो तक बारिश नहीं हुई थी ऐसे में पौधे मुरझाने के साथ सूखने के कगार पर थे और कई खेतों में बिन बारिश के फसले सूखकर नष्ट भी हो गई थी कहीं पर सूखने की कगार पर थी लेकिन शनिवार को हुई वर्षा से काफी राहत मिली है खबर लिखे जाने तक रिमझिम बारिश का दौर जारी था
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