उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट करते हुए अपना बयान जारी किया है
उन्होंने लिखा की - आज कुचामन शहर की नगर परिषद के सभापति और उपसभापति का भाजपा सरकार द्वारा निलंबन आदेश निकाला गया है
कुचामन नगर परिषद के उपसभापति हेमराज चावला का निलंबन क्या यह दलित नेतृत्व की आवाज़ को दबाने की कोशिश है
श्री चावला न केवल कुचामन के वरिष्ठ और सक्रिय जनप्रतिनिधि हैं, बल्कि वे दलित समाज के एक सम्मानित चेहरे भी हैं, जिन्होंने वर्षों से वंचित वर्ग की आवाज़ को मंच पर पहुँचाने का कार्य किया है।
उनका निलंबन सिर्फ एक व्यक्ति पर कार्रवाई नहीं है, यह उस पूरे समुदाय को संदेश देने की कोशिश प्रतीत होती है जो सामाजिक न्याय और भागीदारी की मांग करता है। क्या यह कदम राजनीतिक असहमति को दबाने का तरीका है? क्या एक दलित नेता को इसलिए निशाना बनाया गया क्योंकि वह खुलकर अपनी बात रखता है?
इस तरह की कार्रवाइयाँ यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि क्या आज भी हमारे लोकतंत्र में वंचित वर्ग के प्रतिनिधियों के लिए बराबरी का स्थान है?
हम मांग करते हैं कि इस निर्णय की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच हो तथा यदि यह कार्रवाई राजनीति से प्रेरित पाई जाती है, तो इसे तत्काल रद्द किया जाए और श्री हेमराज चावला जी को उनका मान-सम्मान वापस दिया जाए।
रामनिवास पोषक
( विधानसभा क्षेत्र नावा )
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