मंदिर समुन्द्र तल से 2300 फिट की ऊंचाई पर स्तिथ है पहाड़ पर दुर्गम चढ़ाई और बारिश के समय मे पहाड़ी का मौसम इसे और ज्यादा रोमांचक बनाता है!
हरियाजून गाँव के ग्रामीणों ने बताया की यह महादेव का स्थान करीब 800 वर्ष पुराना है यह एक पुरातन शिलालेख लिखा हुआ है जिससे प्रतीत होता है की किसी समय मे शिवालय चबूतरे के रूप मे बनाकर एक डाकू की कल्याणी नाम की बेटी यहाँ भगवान शिव की आराधना करती थी!
यहाँ श्रावण शिवरात्रि को विशेष धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है शिवभक्त दूर दूर से यहाँ दुर्गम चढ़ाई पार कर शिव को जलाभिषेक करते है!
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